अर्थ : हमारे सौर जगत का वह सबसे बड़ा और ज्वलंत तारा जिससे सब ग्रहों को गर्मी और प्रकाश मिलता है।
उदाहरण :
सूर्य सौर ऊर्जा का एक बहुत बड़ा स्रोत है।
पूर्व से सूर्य को आते देख तिमिर दुम दबाकर भागने लगा।
पर्यायवाची : अंबु तस्कर, अंबुतस्कर, अंशुमान, अंशुमाली, अग, अदित, अनड्वान्, अफताब, अफ़ताब, अब्जबाँधव, अब्जबांधव, अब्जहस्त, अयुग्मवाह, अरणि, अरुण, अरुणसारथी, अरुन, अर्क, अवबोधक, अवि, अविनीश, आदित्य, आफताब, आफ़ताब, कालेश, केश, खगपति, गभस्ति, गभस्तिपाणि, गभस्तिहस्त, गविष्ठ, गोकर, चक्रबंधु, चक्रबन्धु, चक्रबांधव, चक्रबान्धव, चित्रभानु, जगत्साक्षी, तपस, तपु, तमोहपह, तिग्मगर, तिमिररिपु, तिमिरहर, तिमिरारि, तीक्ष्णरश्मि, तीक्ष्णांशु, तुंगीश, त्रयीतन, त्रयीमय, दिनअर, दिनकर, दिनेश, दिवसकर, दिवसकृत, दिवसनाथ, दिवसभर्ता, दिवसेश, दिवसेश्वर, दिवस्पति, दिवाकर, दिवामणि, दिवावसु, दिव्यांशु, दीप्तकिरण, दीप्तांशु, द्युपति, द्युम्न, धरुण, ध्वांतशत्रु, ध्वांताराति, ध्वान्तशत्रु, ध्वान्ताराति, नभश्चक्षु, नभश्चर, नभस्मय, नभोमणि, निर्मुट, पद्मगर्भ, पद्मबंधु, पद्मबन्धु, पद्मिनीकांत, पद्मिनीकान्त, पद्मिनीवल्लभ, पद्मिनीश, पर्परीक, पुष्कर, प्रभाकर, भानु, भास्कर, भूताक्ष, मरीची, मार्तंड, मार्तण्ड, मिहिर, यमसू, रवि, वरेय, विश्वप्रकाशक, विश्वप्स, विहंग, विहग, वेद, वेदात्मा, शीघ्रग, सविता, सहस्रकिरण, सहस्रगु, सूरज, सूर्य, स्वप्ननंशन, हृषु
अर्थ : बढ़ई के बरमें के समान अरणि के वृक्ष का बना हुआ आग उत्पन्न करने वाला एक काठ का यंत्र।
उदाहरण :
अरणि को कुशा पर रखकर वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ घुमाते हैं तब छेद के नीचे वाली कुशा जल उठती है और यह आग प्रायः यज्ञ में काम में लाई जाती है।
पर्यायवाची : अरणि, विक्रांता, विक्रान्ता