अर्थ : वह मानसिक अवस्था जिसमें वास्तविक हेतु का अभाव होने पर या किसी अवास्तविक असद् हेतु के वर्तमान रहने पर भी वास्तविक हेतु का अस्तित्व दिखाई देता है जिसके फलस्वरूप भ्रम होता या हो सकता है।
उदाहरण :
व्यक्ति-केन्द्रित हेत्वाभास सबसे चर्चित हेत्वाभास है।
अर्थ : बीमारी, मानसिक अस्थिरता आदि के कारण उत्पन्न वह अवस्था जिसमें कोई वह सुनता या देखता है जो वास्तव में नहीं होता।
उदाहरण :
बुढ़ापे के कारण दादाजी को मतिभ्रम हो जाता है।
पर्यायवाची : मति-भ्रम, मति-भ्रांति, मति-भ्रान्ति, मतिभ्रम, मतिभ्रांति, मतिभ्रान्ति