अर्थ : हिंदुओं के चार आश्रमों में से अंतिम,जिसमें त्यागी और विरक्त होकर सब कार्य निष्काम भाव से किए जाते हैं।
उदाहरण :
प्राचीन काल में लोग वानप्रस्थ के बाद अपनी ज़िम्मेदारी बच्चों को सौंप कर संन्यास ले लेते थे।
पर्यायवाची : संन्यास, सन्यास, सन्यासाश्रम