१. संज्ञा
/ निर्जीव
/ अमूर्त
अर्थ : तत्वज्ञों द्वारा नियत या निश्चित कोई मत या सिद्धांत अथवा किसी प्रकार की विचारधारा या कार्य प्रणाली।
उदाहरण :
वाद का प्रयोग संज्ञाओं के अन्त में प्रत्यय के रूप में होता है - जैसे छायावाद, अनात्मवाद आदि।
पर्यायवाची :
वाद
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ఋషులు మొదలైన వారు చెప్పే ఉపదేశం
శంకరాచార్య అధ్త్వెత సిద్ధాంతం అందరికి మాన్యమైంది కాదు
సిద్ధాంతం
ಋಷಿ ಮೊದಲಾದವುಗಳ ಆದರಣೀಯ ಉಪದೇಶ
ಶಂಕರಾಚಾರ್ಯರ ಅರ್ಥವೇದ ಸಿದ್ಧಾಂತ ಎಲ್ಲರಿಗೂ ಆದರಣೀಯ ಅಥವಾ ಪೂಜ್ಯವಾದುದ್ದಲ್ಲ.
ತತ್ತ್ವ ,
ಮತ ,
ವಾದ ,
ಸಿದ್ಧಾಂತ
ଋଷିମାନଙ୍କଦ୍ୱାରା ଦିଆ ଯାଇଥିବା ଉପଦେଶ
ଶଙ୍କରାଚାର୍ଯ୍ୟଙ୍କ ଅଦୈତ୍ୟ ସିଦ୍ଧାନ୍ତକୁ ସମସ୍ତେ ଗ୍ରହଣ କରନ୍ତି ନାହିଁ
ମତ ,
ସିଦ୍ଧାନ୍ତ
ऋषी इत्यादी ह्यांचे मान्यताप्राप्त उपदेश.
शंकराचार्यांचा अद्वैत हा वाद अनेकांना मान्य नाही.
मत ,
वाद
ঋষিদের দ্বারা প্রদত্ত উপদেশ
শংকরাচার্য্যের অদ্বৈত সিদ্ধান্ত সকলে মেনে চলে না
বাদ ,
মত ,
সিদ্ধান্ত
ரிஷிகளின் மதிக்கத்தகுந்த உபதேசம்
சங்கராச்சாரியரின் அத்துவைத தத்துவம் அனைவராலும் ஏற்கப்படவில்லை.
தத்துவம்