అర్థం : प्राणियों की वह चेतन शक्ति जिससे वे जीवित रहते हैं।
ఉదాహరణ :
शरीर से प्राण का बहिर्गमन ही मृत्यु है।
పర్యాయపదాలు : आत्मा, उक्थ, चेतना, चैतन्य, जाँ, जान, जीव, जीवड़ा, जीवथ, जीवन-शक्ति, जीवात्मा, दम, धातृ, नफ़स, नफ़्स, पुंगल, प्राण, सत्त्व, सत्व
ఇతర భాషల్లోకి అనువాదం :
ಪ್ರಾಣಿಗಳಲ್ಲಿರುವ ಚೇತನಾ ಶಕ್ತಿಯಿಂದ ಜೀವಂತವಾಗಿ ಇರುವರು
ಶರೀರದಿಂದ ಪ್ರಾಣ ಹೊದರೆ ಮೃತ್ಯು ಸಂಭವಿಸಿದಂತೆପ୍ରାଣୀମାନଙ୍କର ସେହି ଚେତନ ଶକ୍ତି ଯେଉଁଥିପାଇଁ ସେ ଜୀବିତ ରହନ୍ତି
ଶରୀରରୁ ପ୍ରାଣର ବର୍ହିଗମନ ହେଉଛି ମୃତ୍ୟୁशरीराचे चलनवलन करणारी शक्ती.
माणूस मरतो म्हणजे त्याच्या शरीरातला प्राण निघून जातोThe vital principle or animating force within living things.
spiritপ্রাণীদের মধ্যে সেই চেতন শক্তি যার ফলে প্রাণীরা জীবিত থাকে
শরীর থেকে প্রাণের বহির্গমনই মৃত্যুജീവികളുടെ ഉള്ളില് ജീവന് നിലനിര്ത്തുന്ന പ്രാണവായു.
ശരീരത്തില് നിന്നു പ്രാണന് പോകുമ്പോള് മൃത്യു സംഭവിക്കുന്നു.అర్థం : मन में उत्पन्न होनेवाला वह मनोवेग जिससे काम करने की शक्ति बढ़ती है।
ఉదాహరణ :
सचिन उत्साह के साथ बल्लेबाजी करते हैं।
పర్యాయపదాలు : अध्यवसान, अभिप्रीति, उच्छाव, उच्छाह, उछाला, उछाव, उछाह, उत्तेजन, उत्साह, उमंग, उल्लास, गर्मजोशी, च्वेष, जोश, दाप, प्रगल्भता, प्रागल्भ्य, सरगरमी, सरगर्मी, हौसला
ఇతర భాషల్లోకి అనువాదం :
A feeling of excitement.
enthusiasmவேலை செய்யும் சக்தியை அதிகரிக்கச் செய்யும் மனதில் எழுகின்ற எண்ணம்
சச்சினின் ஆட்டம் உற்சாகம் தந்தது.అర్థం : व्यक्ति या वस्तु में सदा प्रायः एक-सा बना रहने वाला मूल या मुख्य गुण।
ఉదాహరణ :
वह स्वभाव से शर्मीला है।
పర్యాయపదాలు : अनूक, अयान, अवग्रह, ढब, धरम, धर्म, निसर्ग, प्रकृति, प्रवृत्ति, फ़ितरत, फितरत, मिज़ाज, मिजाज, वृत्ति, सिफत, सिफ़त, सुभाव, स्वभाव
ఇతర భాషల్లోకి అనువాదం :
The essential qualities or characteristics by which something is recognized.
It is the nature of fire to burn.വ്യക്തിയില് അല്ലെങ്കില് വസ്തുവില് എപ്പോഴും ഏകദേശം ഒരുപോലെ ഉണ്ടാകുന്ന അടിസ്ഥാന അല്ലെങ്കില് പ്രധാന ഗുണം.
അവന് സ്വഭാവത്തില് ലജ്ജശീലം ഉണ്ട്.అర్థం : हिन्दू शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के उपरान्त प्राणी की आत्मा को आवृत्त रखनेवाला शरीर जो पाँचों प्राणों, पाँचों ज्ञानेन्द्रियों, पाँचों सूक्ष्मभूतों, मन, बुद्धि और अहंकार से युक्त होता है परन्तु स्थूल अन्नमय कोश से रहित होता है।
ఉదాహరణ :
सूक्ष्म शरीर तब तक बना रहता है जब तक कि आत्मा का पुनर्जन्म न हो या उसे मोक्ष की प्राप्ति न हो।
పర్యాయపదాలు : अंतःशरीर, अन्तःशरीर, इंद्रियायतन, इन्द्रियायतन, लिंग शरीर, लिंग-शरीर, लिंगशरीर, लिङ्ग शरीर, लिङ्ग-शरीर, लिङ्गशरीर, सूक्ष्म शरीर, सूक्ष्म-शरीर, सूक्ष्मशरीर
ఇతర భాషల్లోకి అనువాదం :
ହିନ୍ଦୁଶାସ୍ତ୍ରାନୁସାରେ ମୃତ୍ୟୁପରେ ପ୍ରାଣୀର ଆତ୍ମାକୁ ଆବୃତ୍ତ ରଖୁଥିବା ଶରୀର ଯାହା ପାଞ୍ଚ ପ୍ରାଣ, ପାଞ୍ଚ ଜନେନ୍ଦ୍ରୀୟ, ପାଞ୍ଚସୂକ୍ଷ୍ମଭୂତ, ମନ, ବୁଦ୍ଧି ଏବଂ ଅହଂକାରରେ ଯୁକ୍ତ ହୋଇଥାଏ କିନ୍ତୁ ସ୍ଥୂଳ ଅନ୍ନମୟ କୋଷରୁ ବଞ୍ଚିତ ହୋଇଥାଏ
ଯେ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଆତ୍ମାର ପୁନର୍ଜନ୍ମ ଏବଂ ତାର ମୋକ୍ଷପ୍ରାପ୍ତି ହୁଏନାହିଁ ସେ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସୂକ୍ଷ୍ମ ଶରୀର ରହିଥାଏহিন্দু শাস্ত্রানুসারে মৃত্যুর উপরান্ত প্রাণীর আত্মাকে আবৃত্ত রাখে যে শরীরের পাঁচ প্রাণ, পাঁচ জ্ঞানেনদ্রিয়, পাঁচ সুক্ষ্মভুত, মন, বুদ্ধি ও অহংকারের সাথে যুক্ত থাকে কিন্তু স্থুল অন্নময় কোষবিহীন হয়
"সুক্ষ্ম শরীর ততক্ষণ অবধি থাকে যতক্ষণ আত্মার পূনরজন্ম না হয় বা তা মোক্ষলাভ না করে।"