అర్థం : किसी प्राणी के सब अंगों का समूह जो एक इकाई के रूप में हो।
ఉదాహరణ :
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करें।
పర్యాయపదాలు : अंग, अजिर, अवयवी, इंद्रियायतन, कलेवर, काया, गात, चोला, जिस्म, तन, तनु, तनू, देह, धाम, पिंड, पिण्ड, पुद्गल, पुर, बदन, बॉडी, मर्त्य, योनि, रोगभू, वपु, वर्ष्म, वर्ष्मा, वेर, शरीर, सिन, स्कंध, स्कन्ध
ఇతర భాషల్లోకి అనువాదం :
ഒരു ജീവിയുടെ എല്ലാ അവയവങ്ങളുടേയും രൂപം.
ശരീരം ആരോഗ്യത്തോടെ ഇരിക്കാന് വ്യയാമം ആവശ്യമാണു്.అర్థం : हिन्दू शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के उपरान्त प्राणी की आत्मा को आवृत्त रखनेवाला शरीर जो पाँचों प्राणों, पाँचों ज्ञानेन्द्रियों, पाँचों सूक्ष्मभूतों, मन, बुद्धि और अहंकार से युक्त होता है परन्तु स्थूल अन्नमय कोश से रहित होता है।
ఉదాహరణ :
सूक्ष्म शरीर तब तक बना रहता है जब तक कि आत्मा का पुनर्जन्म न हो या उसे मोक्ष की प्राप्ति न हो।
పర్యాయపదాలు : अंतःशरीर, अन्तःशरीर, इंद्रियायतन, लिंग शरीर, लिंग-शरीर, लिंगशरीर, लिङ्ग शरीर, लिङ्ग-शरीर, लिङ्गशरीर, सूक्ष्म शरीर, सूक्ष्म-शरीर, सूक्ष्मशरीर, स्पिरिट
ఇతర భాషల్లోకి అనువాదం :
ହିନ୍ଦୁଶାସ୍ତ୍ରାନୁସାରେ ମୃତ୍ୟୁପରେ ପ୍ରାଣୀର ଆତ୍ମାକୁ ଆବୃତ୍ତ ରଖୁଥିବା ଶରୀର ଯାହା ପାଞ୍ଚ ପ୍ରାଣ, ପାଞ୍ଚ ଜନେନ୍ଦ୍ରୀୟ, ପାଞ୍ଚସୂକ୍ଷ୍ମଭୂତ, ମନ, ବୁଦ୍ଧି ଏବଂ ଅହଂକାରରେ ଯୁକ୍ତ ହୋଇଥାଏ କିନ୍ତୁ ସ୍ଥୂଳ ଅନ୍ନମୟ କୋଷରୁ ବଞ୍ଚିତ ହୋଇଥାଏ
ଯେ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଆତ୍ମାର ପୁନର୍ଜନ୍ମ ଏବଂ ତାର ମୋକ୍ଷପ୍ରାପ୍ତି ହୁଏନାହିଁ ସେ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସୂକ୍ଷ୍ମ ଶରୀର ରହିଥାଏহিন্দু শাস্ত্রানুসারে মৃত্যুর উপরান্ত প্রাণীর আত্মাকে আবৃত্ত রাখে যে শরীরের পাঁচ প্রাণ, পাঁচ জ্ঞানেনদ্রিয়, পাঁচ সুক্ষ্মভুত, মন, বুদ্ধি ও অহংকারের সাথে যুক্ত থাকে কিন্তু স্থুল অন্নময় কোষবিহীন হয়
"সুক্ষ্ম শরীর ততক্ষণ অবধি থাকে যতক্ষণ আত্মার পূনরজন্ম না হয় বা তা মোক্ষলাভ না করে।"