అర్థం : आर्या छंद का एक भेद जिसके सम चरणों में बीस और विषम चरणों में बारह मात्राएँ होती हैं।
ఉదాహరణ :
आर्यागीति की इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट करें।
పర్యాయపదాలు : आर्या गीति, आर्यागीति, खंधा
ఇతర భాషల్లోకి అనువాదం :
ଆର୍ଯ୍ୟ ଛନ୍ଦର ଏକ ଭେଦ ଯେଉଁଥିରେ ସମ ଚରଣରେ କୋଡିଏ ଏବଂ ବିଷମ ଚରଣରେ ବାର ମାତ୍ରା ଥାଏ
ଆର୍ଯ୍ୟଗୀତିର ଏହି ପଂକ୍ତିର ଅଭିପ୍ରାୟ ସ୍ପଷ୍ଟ କରନ୍ତୁআর্য ছন্দের একটি প্রকার যার সম চরণে কুড়ি আর বিষম চরণে বারোটি মাত্রা থাকে
"আর্যগীতির এই পংক্তিগুলির অর্থ বুঝিয়ে দিন"