అర్థం : एक आधुनिक पाश्चातात्य मत या सिद्धान्त, जिसमें नैतिक, सांस्कृतिक आदि गुणों या विशेषताओं का ध्यान छोड़कर प्रत्येक बात या वस्तु का अर्थ, महत्त्व या मान इस दृष्टि से आँका जाता है कि मानव समाज के कल्याण के लिए उसका कितना, कैसा और क्या उपयोग है अथवा हो सकता है।
ఉదాహరణ :
मिल और बेंथम उपयोगितावाद के प्रणेता माने जाते हैं।
పర్యాయపదాలు : उपयोगिता वाद, उपयोगिता-वाद, यूटिलिटेरियनिज्म
ఇతర భాషల్లోకి అనువాదం :
जे उपयुक्त ते मूल्ययुक्त आणि पुष्कळांचे पुष्कळ सुख हे नैतिक असते असे मानणारी विचारसरणी.
मिल आणि बेंथम हे उपयुक्ततावादाचे प्रणेते मानले जातात.