वह गड्ढा जहाँ मुसलमान,ईसाई,यहुदियों का मुर्दा गाड़ा या दफ़नाया जाता है।
महान सूफ़ी संत को दफ़नाने के लिए असंख्य लोगों ने मिलकर उनकी क़ब्र खोदी।
कब्र
पीर, सूफ़ी संतों आदि की वह कब्र जहाँ लोग दर्शन को जाते हैं।
मैनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर हर साल एक बड़ा मेला लगता है।
दरगाह,
मज़ार,
मजार
वह चबूतरा जो उस गड्ढे के ऊपर बनाया जाता है,जिसमें मुसलमान, ईसाइयों आदि का मुर्दा गड़ा रहता है।
वह प्रतिदिन शाम को अपनी माँ की कब्र पर मोमबत्ती जलाता है।
कब्र