अर्थ : एक व्यक्ति या संस्था द्वारा दूसरे व्यक्ति या संस्था को दी जाने वाली सेवा।
उदाहरण :
हिंदू धर्म के अनुसार मातृ-ऋण, पितृ-ऋण, गुरु-ऋण तथा देव-ऋण ये चार मुख्य ऋण हैं।
अर्थ : गणित में घटाने का चिह्न।
उदाहरण :
शून्य से कम संख्या को ऋण से दर्शाते हैं, जैसे -१५।