खजाना (संज्ञा)
उत्कृष्ट या बहुमूल्य वस्तुओं का संग्रह।
बेल (संज्ञा)
जमीन पर फैलने या किसी आधार पर चढ़ने वाला कोमल पतला पौधा।
समरूपता (संज्ञा)
रूप, प्रकार, गुण आदि में समान होने की अवस्था।
बहुत अधिक (विशेषण)
बहुत अधिक।
बाधा (संज्ञा)
काम, विकास, मार्ग, आदि में खड़ी की जाने वाली या आने वाली कोई चीज या बात।
कोलाहल (संज्ञा)
ऊँची आवाज़ में बोलने या चिल्लाने आदि से उत्पन्न अस्पष्ट आवाज।
नरकट (संज्ञा)
बेंत की तरह का एक प्रसिद्ध पौधा जिसकी डंठलों से कलमें, चटाइयाँ आदि बनती हैं।
तमाशा (संज्ञा)
निर्लज्जता भरा काम या व्यवहार या उलटी-पुलटी हरकत।
अनशन (संज्ञा)
वह हड़ताल जिसमें हड़ताली भूखे रहता है यानि अन्न आदि ग्रहण नहीं करता।
गरीब (संज्ञा)
निर्धन व्यक्ति।