लौंग (संज्ञा)
एक झाड़ की कली जिसे सुखाकर मसाले और दवा के काम में लाते हैं।
तुलसी (संज्ञा)
पवित्र माना जाने वाला एक झाड़ जिसकी पत्तियों में गंध होती है।
पनाला (संज्ञा)
वह बड़ी नाली जिससे वर्षा का पानी या मैला पानी आदि बहता है।
पारा (संज्ञा)
एक सफेद, बहुत वजनी और चमकीली धातु जो साधारणतः द्रव रूप में रहती है।
सम्मानित (विशेषण)
जिसे प्रतिष्ठा मिली हो या जिसकी प्रतिष्ठा हो।
दीपक (संज्ञा)
प्रकाश करने के लिए बना धातु, मिट्टी आदि का वह पात्र जिसमें तेल और बत्ती डालकर बत्ती को जलाई जाती है।
नक्षत्र (संज्ञा)
चंद्रमा के मार्ग में पड़नेवाले स्थिर तारों के सत्ताईस समूह जिनके भिन्न-भिन्न रूप या आकार मान लिए गए हैं और जिनके अलग-अलग नाम हैं।
सेंधमार चोर (संज्ञा)
सेंध लगाकर चोरी करने वाला।
संचालक (संज्ञा)
वह जो किसी काम को चलाता या गति देता हो।
अशोक वृक्ष (संज्ञा)
पच्चीस से तीस फुट ऊँचा एक सदाहरित पेड़ जिसकी पत्तियाँ आम की पत्तियों की तरह लंबी होती हैं।