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अर्थ : जिसकी जाँघें केले के वृक्ष के समान उतार चढ़ाव वाली हों।
उदाहरण : कवि ने इस कविता में प्रेयसी की सुंदरता का वर्णन करते हुए उसे रंभोरु और मृगनयनी बताया है।
पर्यायवाची : कदलीजंघा, रंभोरू, रम्भोरु, रम्भोरू
ఆమె తొడలు అరటి బోదెతో సమానంగా ఉన్నాయి