अर्थ : पगड़ी के ऊपर बाँधा जानेवाला एक प्रकार का आभूषण।
उदाहरण :
समधीजी की पगड़ी के ऊपर पगार सुशोभित हो रहा था।
पर्यायवाची : सिरपेच
अर्थ : किसी स्थान, नदी आदि में उतना पानी जिसे पैदल ही पार किया जा सके।
उदाहरण :
श्याम पगार को पार करने में भी डर रहा था।