अर्थ : किसी को चिढ़ाने, दुखी करने, नीचा दिखाने आदि के लिए कही जाने वाली वह बात जो स्पष्ट शब्दों में न होने पर भी अथवा विपरीत रूप की होने पर भी उक्त प्रकार का अभिप्राय या आशय प्रकट करती हो।
उदाहरण :
नेता जी विपक्षी का व्यंग्य सुनकर क्रोधित हो गए।
पर्यायवाची : अधिक्षेप, काकु, नोंक-झोंक, नोंकझोंक, नोक झोंक, नोक झोक, नोक-झोंक, नोक-झोक, नोकझोंक, नोकझोक, फबती, फब्ती, मखौल, व्यंग, व्यंग्य, व्यङ्ग, व्यङ्ग्य, शोशा, हँसी
अर्थ : आवेशित होने की अवस्था या भाव या चित्त की प्रबल वृत्ति।
उदाहरण :
मैं आवेश में आकर न जाने क्या-क्या कह गया।
पर्यायवाची : आवेग, आवेश, उकसनि, उकसाई, उकसाव, उकसावा, उत्तेजना, गरमी, गर्मी, ग़ुबार, गुबार, च्वेष, जजबा, जज़बा, जज़्बा, जज्बा, जोश, झोंक, तपाक, नोंक-झोंक, नोंकझोंक, नोक झोक, नोक-झोंक, नोक-झोक, नोकझोंक, नोकझोक, सरगरमी, सरगर्मी
अर्थ : भारी आयोजन या बहुत अधिक तैयारी।
उदाहरण :
मंगली की शादी बड़ी धूम-धाम से हुई।
पर्यायवाची : टीम टाम, टीम-टाम, टीमटाम, ठाठ-बाट, ठाठबाट, धूम धड़क्का, धूम धड़ाका, धूम-धड़क्का, धूम-धड़ाका, धूम-धाम, धूमधड़क्का, धूमधड़ाका, धूमधाम, नोंक-झोंक, नोंकझोंक, नोक झोक, नोक-झोंक, नोक-झोक, नोकझोंक, नोकझोक, शान